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12th Home Science Chapter 6 | भोज्य पदार्थों का संरक्षण महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उत्तर

1. भोज्य पदार्थों का संरक्षण क्यों जरूरी है?

उत्तर:
भोज्य पदार्थों का संरक्षण इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे हम खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक ताजे और सुरक्षित रख सकते हैं। यह खाद्य पदार्थों की बर्बादी को रोकता है, पोषक तत्वों को बचाए रखता है, और खाद्य पदार्थों की जीवनकाल बढ़ाता है।


2. भोज्य पदार्थों के संरक्षण के सामान्य तरीके कौन से हैं?

उत्तर:

  1. प्राकृतिक संरक्षण: जैसे ठंडे स्थानों में रखना, सूरज की रोशनी से बचाना, आदि।
  2. पोषक तत्वों का संरक्षण: भोजन को पकाने, उबालने, या दबाने से पोषक तत्वों की रक्षा होती है।
  3. सुझाए गए तरीके: जैसे नमक का प्रयोग, चीनी का प्रयोग, शीतलन, सुखाना आदि।
  4. संवेदनशील पदार्थों का फ्रिज में रखना ताकि उनके गुण बनाए रहें।
  5. सुरक्षात्मक उपाय: जैसे पैकेजिंग, इन्फ्रारेड रेज का प्रयोग आदि।

3. भोजन के संरक्षण में सर्दी का महत्व क्या है?

उत्तर:
सर्दी, विशेषकर ठंडे तापमान में भोजन को संरक्षित किया जा सकता है। शीतलन (frozen) द्वारा भोजन की जीवनकाल बढ़ाई जाती है और यह बैक्टीरिया और फफूंद को बढ़ने से रोकता है। उदाहरण के लिए, मांस, दूध, और फल-फूल को फ्रीजर में रखा जा सकता है।


4. सुखाने के द्वारा भोज्य पदार्थों का संरक्षण कैसे किया जाता है?

उत्तर:
सुखाना (drying) एक प्रक्रिया है जिसमें पानी की मात्रा को कम किया जाता है, जिससे बैक्टीरिया और कवक का विकास रुक जाता है। यह विशेष रूप से फल, सब्जियां, मांस, मछली आदि के लिए उपयोगी है। सुखाने से भोज्य पदार्थों की जीवनकाल बढ़ती है, और वे लंबे समय तक सुरक्षित रहते हैं।


5. नमक और चीनी का प्रयोग भोजन के संरक्षण में कैसे होता है?

उत्तर:

  1. नमक: नमक का उपयोग भोजन में पानी को अवशोषित करके बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकने के लिए किया जाता है। यह मांस, मछली और सब्जियों को संरक्षित करने में सहायक है।
  2. चीनी: चीनी का उपयोग जैम, जेली और फल के संरक्षण के लिए किया जाता है। यह पानी को अवशोषित करके बैक्टीरिया और कवक को बढ़ने से रोकता है।

6. भोजन के संरक्षण में पेस्टिसाइड्स और केमिकल्स का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए?

उत्तर:
पेस्टिसाइड्स और केमिकल्स का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ये शरीर में जहरीले प्रभाव डाल सकते हैं और लंबी अवधि तक सेवन से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए, प्राकृतिक और सुरक्षित तरीकों से भोज्य पदार्थों का संरक्षण करना अधिक उपयुक्त है।


7. भोजन के संरक्षण के लिए आधुनिक तकनीकों के बारे में बताइए।

उत्तर:

  1. हाइपर-फ्रीजिंग: यह एक आधुनिक तकनीक है, जिसमें भोजन को बहुत कम तापमान पर जल्दी से ठंडा किया जाता है। इससे भोजन के पोषक तत्वों और स्वाद को बनाए रखा जाता है।
  2. वैक्यूम पैकिंग: इसमें भोजन को हवा से अलग करके पैक किया जाता है, जिससे बैक्टीरिया और फफूंद का विकास रुकता है।
  3. हाई-प्रेशर प्रोसेसिंग (HPP): इसमें उच्च दबाव का उपयोग करके भोजन को संरक्षित किया जाता है, जिससे उसके पोषक तत्व और स्वाद बनाए रहते हैं।
  4. आक्सीजन अवशोषण पैकेजिंग: यह एक और तकनीक है, जिसमें पैकिंग के दौरान आक्सीजन को बाहर निकाला जाता है, जिससे भोजन की ताजगी बनी रहती है।

8. भोजन के संरक्षण में शीतलन और शीतद्रव्य का उपयोग कैसे किया जाता है?

उत्तर:
शीतलन (cooling) और शीतद्रव्य (freezing) द्वारा खाद्य पदार्थों को संरक्षित किया जाता है। शीतलन में, खाद्य पदार्थों को ठंडा करके उनकी वृद्धि और नुकसान को रोका जाता है, जबकि शीतद्रव्य (फ्रीजिंग) में, खाद्य पदार्थों को अधिक ठंडे तापमान पर रखा जाता है जिससे बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीवों का विकास रुक जाता है। उदाहरण के लिए, मांस, सब्जियाँ, और फल फ्रीज किए जाते हैं ताकि उनका स्वाद और पोषण संरक्षित रहे।


9. भोजन के संरक्षण के लिए ‘कैनिंग’ क्या है?

उत्तर:
कैनिंग एक विधि है जिसमें खाद्य पदार्थों को विशेष कंटेनरों में पैक करके एक निश्चित तापमान पर गर्म किया जाता है, जिससे उसमें उपस्थित बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्मजीव मर जाते हैं। इस प्रक्रिया के बाद, खाद्य पदार्थों को एयर-टाइट कंटेनरों में बंद कर दिया जाता है जिससे उनका संरक्षण लंबे समय तक किया जा सकता है। इस विधि का प्रयोग विशेष रूप से फल, सब्जियाँ, सूप और सॉस के लिए किया जाता है।


10. सभी भोज्य पदार्थों को संरक्षित करने के लिए एक सामान्य प्रक्रिया बताइए।

उत्तर:
भोज्य पदार्थों को संरक्षित करने के लिए सामान्य प्रक्रिया में निम्नलिखित कदम शामिल होते हैं:

  1. स्वच्छता: पहले सभी उपकरणों और भोज्य पदार्थों को अच्छे से साफ करें।
  2. सुखाना: पानी की मात्रा को कम करें, जैसे फल, सब्जियाँ और मांस को सुखाकर रखा जा सकता है।
  3. ठंडा करना: भोजन को ठंडा करके या फ्रीज करके उसकी जीवनकाल बढ़ाई जाती है।
  4. सुरक्षात्मक पैकिंग: पैकिंग में हवा को बाहर निकाला जाता है और भोजन को सहेजा जाता है।
  5. सुरक्षात्मक पदार्थों का प्रयोग: जैसे नमक, चीनी या टैनिन का उपयोग करके भोजन को संरक्षित किया जा सकता है।

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