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12th Home Science Chapter 7 | आहार में मिलावट, गृहिणी एक उपभोक्ता के रूप में प्रश्न एवं उत्तर

आहार में मिलावट महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

1. आहार में मिलावट क्या है?

उत्तर:
आहार में मिलावट तब होती है जब खाद्य पदार्थों में गैर-स्वस्थ या अवांछनीय पदार्थ मिलाए जाते हैं। यह खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और पोषण को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, दूध में पानी मिलाना, मसाले में रंग मिलाना, तेल में अन्य पदार्थ मिलाना आदि।


2. आहार में मिलावट के प्रकार बताइए।

उत्तर:
आहार में मिलावट के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे:

  1. कृत्रिम रंग और रसायन मिलाना: जैसे मिठाइयों, मसालों और अन्य खाद्य पदार्थों में रंग मिलाना।
  2. पानी मिलाना: जैसे दूध, रसीले फलों का रस और शहद में पानी मिलाना।
  3. अवांछनीय पदार्थ मिलाना: जैसे फल-सब्जियों में कीटनाशक, मसालों में प्लास्टिक, घी में हानिकारक रसायन मिलाना।
  4. खराब खाद्य पदार्थ का मिलाना: जैसे सड़े-गले खाद्य पदार्थों का मिलाना।

3. आहार में मिलावट के कारण क्या होते हैं?

उत्तर:

  1. लाभ की अति लालसा: व्यापारी और उत्पादक लाभ कमाने के लिए खाद्य पदार्थों में मिलावट करते हैं।
  2. निगरानी की कमी: खाद्य पदार्थों की सही तरीके से जांच और नियंत्रण की कमी के कारण मिलावट होती है।
  3. सस्ते विकल्प की तलाश: मिलावट से उत्पाद को सस्ता बनाना ताकि वह बाजार में बेचा जा सके।
  4. अवांछनीय रसायनों की उपलब्धता: कुछ हानिकारक रसायन और अवशेष आसानी से उपलब्ध होते हैं, जिनका उपयोग मिलावट में किया जाता है।

4. आहार में मिलावट के प्रभाव क्या होते हैं?

उत्तर:
आहार में मिलावट के निम्नलिखित प्रभाव हो सकते हैं:

  1. स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव: जैसे शरीर में विषाक्त पदार्थों का प्रवेश और विभिन्न बीमारियाँ होना (जैसे किडनी की समस्या, पेट की समस्याएँ)।
  2. पोषण की कमी: मिलावटी आहार में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे शरीर को आवश्यक ऊर्जा और विटामिन नहीं मिल पाते।
  3. आहार की गुणवत्ता में कमी: मिलावट से आहार की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिससे उसका स्वाद, रंग और महक बदल जाती है।
  4. लंबे समय में बीमारियाँ: लगातार मिलावटी आहार का सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

5. आहार में मिलावट की पहचान कैसे करें?

उत्तर:
आहार में मिलावट की पहचान के कुछ सामान्य तरीके हैं:

  1. रंग: यदि आहार का रंग असमान या अधिक चमकदार है, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है।
  2. गंध और स्वाद: मिलावटी आहार में अक्सर अप्राकृतिक गंध या स्वाद होता है।
  3. संबंधित प्रमाण पत्र: यदि खाद्य उत्पाद पर प्रमाणपत्र नहीं है, तो इसका मतलब हो सकता है कि उत्पाद मिलावटी हो।
  4. पैकेजिंग: यदि पैकेजिंग सही नहीं है या खुली हुई है, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है।

6. आहार में मिलावट से बचने के उपाय क्या हैं?

उत्तर:

  1. सुरक्षित स्रोत से खरीदारी: हमेशा प्रमाणित और विश्वसनीय दुकानदार से ही खाद्य पदार्थ खरीदें।
  2. आहार की जांच करें: घर पर खाद्य पदार्थों की जांच करें, जैसे दूध में पानी मिलाने से बचने के लिए उसमें टुकड़ा डालकर देख सकते हैं।
  3. पोषण मानकों का पालन करें: खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ सरकारी मानकों का पालन करें।
  4. स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी प्राप्त करें: मिलावट के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा चलाए गए कार्यक्रमों और सूचनाओं का पालन करें।
  5. स्वच्छता बनाए रखें: खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए उचित स्वच्छता बनाए रखें, ताकि मिलावट के स्रोत को रोका जा सके।

गृहिणी एक उपभोक्ता के रूप में

1. गृहिणी एक उपभोक्ता के रूप में क्या कर्तव्य निभाती है?

उत्तर:
गृहिणी का मुख्य कर्तव्य यह है कि वह परिवार के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार का चयन करे और उसे उचित तरीके से संरक्षित करे। उसे खाद्य पदार्थों के चयन में सतर्कता बरतनी चाहिए, ताकि मिलावट या खराब गुणवत्ता का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, उसे खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।


2. गृहिणी के लिए उपभोक्ता अधिकार क्या हैं?

उत्तर:

  1. समानता का अधिकार: किसी भी प्रकार के भेदभाव के बिना समान गुणवत्ता वाले उत्पाद खरीदने का अधिकार।
  2. समान जानकारी का अधिकार: खाद्य पदार्थों पर उचित जानकारी, जैसे उत्पादन तिथि, समाप्ति तिथि, पोषण मूल्य आदि का अधिकार।
  3. सुरक्षित आहार का अधिकार: उपभोक्ता को यह अधिकार है कि वह सुरक्षित और स्वस्थ आहार का चुनाव करे।
  4. समझौता और शिकायत का अधिकार: अगर खाद्य पदार्थ मिलावटी या खराब गुणवत्ता के हों, तो उपभोक्ता को उन्हें वापस करने और अपनी शिकायत दर्ज कराने का अधिकार है।

3. गृहिणी को खाद्य पदार्थों का चयन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर:

  1. गुणवत्ता: हमेशा ताजे और उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ खरीदें।
  2. प्रमाणपत्र: खाद्य पदार्थों का चयन करते समय हमेशा प्रमाणित और मान्यता प्राप्त ब्रांड का ही चयन करें।
  3. न्यूट्रिशनल वैल्यू: आहार में पोषण का सही संतुलन बनाए रखें।
  4. समानता और स्वच्छता: पैकेजिंग, रख-रखाव और स्टोरिंग की स्थिति पर ध्यान दें, ताकि भोजन सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक रहे।

4. गृहिणी के लिए उपभोक्ता शिक्षा का महत्व क्या है?

उत्तर:
उपभोक्ता शिक्षा गृहिणी को सही खाद्य पदार्थों का चयन करने में मदद करती है। इसके माध्यम से वह मिलावट, खाद्य सुरक्षा, और पोषण के महत्व को समझती है, जिससे वह अपने परिवार के लिए स्वास्थ्यवर्धक और सुरक्षित आहार का चयन कर सकती है। यह शिक्षा उसे अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करती है।


5. गृहिणी द्वारा भोजन में मिलावट से बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

उत्तर:

  1. प्रमाणित ब्रांड्स का चुनाव करें।
  2. स्वच्छता का ध्यान रखें।
  3. खाद्य पदार्थों का सही तरीके से संग्रहण करें।
  4. नियमित रूप से आहार में विविधता लाएं ताकि शरीर को सभी पोषक तत्व मिल सकें।

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