Chapter: Mother’s Day (Snapshots – Class 11th English)
Writer: J.B. Priestley (जे. बी. प्रीस्टली)
हिंदी सारांश:
“मदर्स डे” एक हास्य-व्यंग्य नाटक है, जो परिवार में मां की उपेक्षा और उसके महत्व को उजागर करता है। कहानी की मुख्य पात्र Mrs. Annie Pearson है, जिसे उसका पति George, बेटी Doris, और बेटा Cyril बिल्कुल भी महत्व नहीं देते। वे रोज उससे काम करवाते हैं, लेकिन उसकी भावनाओं और थकान का ध्यान नहीं रखते।
Mrs. Pearson की पड़ोसन Mrs. Fitzgerald, जो जादू-टोना (fortune-telling, magic) में विश्वास रखती है, उसे सलाह देती है कि परिवार को सबक सिखाने का समय आ गया है। वह Mrs. Pearson से कहती है कि वे कुछ देर के लिए अपनी-अपनी “पर्सनैलिटी बदल लें” (exchange personalities)।
इस जादुई बदलाव के बाद Mrs. Pearson का शरीर वही रहता है, लेकिन उसमें Mrs. Fitzgerald की मजबूत, बोल्ड और आत्मविश्वासी आत्मा आ जाती है।
परिवर्तन के बाद Mrs. Pearson (अब Fitzgerald की personality में) पूरे परिवार से सख्ती से पेश आती है।
- वह अब बिना सवाल किए घर के काम नहीं करती।
- बच्चों को उनके गैर-जिम्मेदार व्यवहार का आईना दिखाती है।
- पति George को बताती है कि वह क्लब में समय बर्बाद करता है और घर की कोई जिम्मेदारी नहीं निभाता।
पर्सनैलिटी बदलने के बाद Mrs. Pearson का व्यवहार
- Doris के साथ
Doris घर आते ही अपनी माँ से जल्दी से जल्दी चाय तैयार करने को कहती है, पर Mrs. Pearson साफ मना कर देती है।
वह Doris को बताती है कि वह हमेशा अपनी माँ को नौकरानी की तरह ट्रीट करती है।
Doris की कपड़ों और मेकअप पर भी टिप्पणी करती है, जिससे Doris हैरान रह जाती है।
वह उसे सिखाती है कि माँ भी इंसान है और उसकी भावनाओं की कद्र होनी चाहिए।
- Cyril के साथ
Cyril रोज की तरह माँ से अपना स्नैक्स और चाय माँगता है, लेकिन Mrs. Pearson सख्ती से कहती है कि वह खुद बना सकता है।
वह Cyril के गैर-जिम्मेदार रवैये पर नाराज़ होती है और कहती है कि वह केवल आदेश देने का आदी हो गया है।
Cyril को पहली बार एहसास होता है कि उसकी माँ भी थकती है और उसे सम्मान मिलना चाहिए।
- George Pearson (पति) के साथ
George रोज की तरह क्लब जाने की बात करता है, तो Mrs. Pearson उसके “बेकार के शौकों” का मज़ाक उड़ाती है।
वह उसे बताती है कि क्लब के लोग उसके पीछे उसकी उम्र और मूर्खता का मजाक उड़ाते हैं।
George ग़ुस्सा भी होता है पर भीतर से हिल जाता है, क्योंकि उसे एहसास होने लगता है कि वह घर और पत्नी को बिल्कुल महत्व नहीं देता।
Mrs. Pearson कहती है कि अब घर का काम सब मिलकर करेंगे और वह अकेली नौकरानी नहीं है।
इस व्यवहार ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। उन्होंने पहली बार जाना कि उनकी माँ कितनी उपेक्षा झेल रही थी।
बाद में Mrs. Fitzgerald और Mrs. Pearson अपनी मूल personalities में लौट आती हैं। लेकिन अब Doris, Cyril और George बदल चुके होते हैं—
वे माफी मांगते हैं, जिम्मेदारियाँ साझा करने का वादा करते हैं, और Mrs. Pearson को वह सम्मान देते हैं जिसकी वह हकदार है।
इस पूरे अनुभव से George, Doris और Cyril समझ जाते हैं कि वे Mrs. Pearson के साथ बहुत गलत व्यवहार कर रहे थे। अंत में वे अपनी गलती मानते हैं और वादा करते हैं कि वे घर के काम बाँटेंगे, मां का सम्मान करेंगे और उसे प्यार देंगे।
मुख्य संदेश:
- मां का प्यार और त्याग कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
- परिवार को भी जिम्मेदारियाँ साझा करनी चाहिए।
- महिलाओं को आत्म-सम्मान के साथ जीना चाहिए और अपनी बात दृढ़ता से रखनी चाहिए।
Extract (English):
“I suppose it is. But I do hate any unpleasantness. And it’s so hard to know where to start. I keep making up my mind to have it out with them but somehow I don’t know how to begin. [She glances at the clock] Oh— good gracious! Look at the time. Nothing ready and they’ll be home any minute and probably all in a hurry to go out again.”
Extract (Hindi Explanation):
इस अंश में Mrs. Pearson अपने परिवार के प्रति अपनी स्थिति और परेशानियों को व्यक्त करती हैं। वह कहती हैं कि उन्हें घर में होने वाले किसी भी विवाद या अप्रिय स्थिति से नफरत है। वह कई बार निश्चय करती हैं कि वह अपने परिवार वालों से अपनी भावनाएँ खुलकर बताएँगी, परंतु वह शुरुआत ही नहीं कर पातीं। वह लगातार घर के सभी काम करती रहती हैं, और समय की चिंता में रहती हैं। उन्हें दुख है कि उनके परिवार के सदस्य उनकी मेहनत को महत्व नहीं देते। यह अंश हमें बताता है कि Mrs. Pearson मानसिक रूप से दबाव में हैं और परिवार के लोग उन्हें हल्के में लेते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए Mrs. Fitzgerald उनकी मदद करती हैं, जिससे आगे कहानी में परिवर्तन आता है।