संस्कृत में कारक संबंधित प्रश्न (MCQs)
संस्कृत व्याकरण में कारक एक महत्वपूर्ण विषय है, जो संज्ञा या सर्वनाम के वाक्य में किए गए कार्य को दर्शाता है। परीक्षा की दृष्टि से संस्कृत कारक MCQs अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इस लेख में हम संस्कृत कारक संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs) प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आपको प्रतियोगी परीक्षाओं और संस्कृत व्याकरण की समझ को मजबूत करने में सहायता करेंगे।
संस्कृत में कारक और उनके प्रकार
संस्कृत में कुल सात प्रकार के कारक होते हैं, जिनका निर्धारण विभक्तियों के आधार पर किया जाता है:
- कर्तृ कारक (प्रथमा विभक्ति) – जो कार्य करता है।
- कर्म कारक (द्वितीया विभक्ति) – जिस पर कार्य किया जाता है।
- करण कारक (तृतीया विभक्ति) – जिससे कार्य किया जाता है।
- सम्प्रदान कारक (चतुर्थी विभक्ति) – जिसके लिए कार्य किया जाता है।
- अपादान कारक (पंचमी विभक्ति) – जिससे अलग होने का बोध होता है।
- अधिकरण कारक (सप्तमी विभक्ति) – जिसमें कार्य होता है।
- संबंध कारक (षष्ठी विभक्ति) – जो संबंध को दर्शाता है।